जबलपुर। गेहूं खरीदी की शुरुआत होते ही धांधली के मामले भी सामने आने लगे हैं। ऐसा ही एक केस जबलपुर के पाटन में सामने आया है। जहां 2489 क्विंटल गेहूं की खरीद दर्ज थी जबकि गोदाम का भौतिक सत्यापन करने पर 6743 क्विंटल गेहूं स्टोरेज पाया गया।
दरअसल, कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर सोमवार को संयुक्त कलेक्टर एवं प्रभारी जिला आपूर्ति नियंत्रक नदीमा शीरी और सहायक आपूर्ति अधिकारी संजय खरे ने खरीदी केंद्रों में औचक निरीक्षण किया। इसके तहत पाटन तहसील के सेवा सहकारी समिति लुहारी के गेहूं खरीदी केन्द्र अमित स्टोरेज वेयर हाउस की आकस्मिक जांच की गई।
जांच में पाया गया कि ई उपार्जन पोर्टल पर मात्र 2489 क्विं गेहूं की खरीद दर्ज है जबकि गोदाम का भौतिक सत्यापन करने पर 6743 क्विंटल गेहूं भण्डारित पाया गया। इस प्रकार स्टाक में 4254 क्विंटल गेहूं ज्यादा पाया गया। 4254 क्विंटल गेहूं बिना खरीदी किए और बिना हैंडलिंग चालान जारी किए भण्डारित किया जाना पाया गया। यही नहीं उपार्जन केन्द्र पर लेबर व्यय की दर का बैनर/ पोस्टर नहीं पाया गया। साथ ही उपार्जन केन्द्र पर नोडल अधिकारी भी नहीं मिले। तमाम अनियमितताओं को देखते हुए समिति प्रबंधक कृष्ण कुमार गर्ग, कम्प्यूटर ऑपरेटर यशवंत सिंह, वेयर हाउस मैनेजर अमित अग्रवाल, मार्कफेड के सर्वेयर नब्बू सिंह और वेयरहाउस के गोदाम प्रभारी मनोज श्रीवास के खिलाफ प्रकरण तैयार किया गया है। विस्तृत जांच में अन्य जो भी दोषी पाए जाएंगे नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।